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गणतन्त्र दिवस परेड में प्रेम और धार्मिक एकता का संदेश देगी सी.एम.एस. की झाँकी

गणतन्त्र दिवस परेड में प्रेम और धार्मिक एकता का संदेश देगी सी.एम.एस. की झाँकी

January 25, 2022, 09:07 PM

लखनऊ, 25 जनवरी। आज गणतन्त्र दिवस परेड में प्रदर्शित होने वाली सिटी मोन्टेसरी स्कूल की झाँकी ईश्वर की महिमा व धार्मिक एकता का अलख जगाकर समाज में प्रेम, एकता, शान्ति व सद्भाव का संदेश देगी। यह झाँकी आज गणतन्त्र दिवस परेड में जन-जन के आकर्षण का केन्द्र होगी। सी.एम.एस. की यह झाँकी ‘मंगलमय है वह जगह जहाँ प्रभु महिमा गाई जाती है’ विषय पर आधारित है। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने बताया कि सी.एम.एस. की यह झाँकी सारे विश्व समाज को एकता, प्रेम एवं विश्व बन्धुत्व की भावना का संदेश देती है और इस दुनिया में ईश्वरीय सभ्यता की स्थापना का आह्वान करती है। यह झाँकी ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की महान संस्कृति एवं ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ की भावनाओं से भी जनमानस को अवगत करायेगी।

      डा. गाँधी ने कहा कि सी.एम.एस. की यह झाँकी मात्र प्रदर्शन भर के लिए नहीं है अपितु इसके पीछे एक उद्देश्य है कि सम्पूर्ण मानव जाति के हृदय में प्रेम व एकता की भावना को जगाकर पृथ्वी पर आध्यात्मिक सभ्यता की स्थापना की जाये। सी.एम.एस. की यह प्रेरणादायी झाँकी जन-मानस को ‘वसुधैव कुटुम्बकम’  एवं ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ की भावना को आत्मसात करने का संदेश देकर इस दुनिया को स्वर्ग बनाने की प्रेरणा देती है।

            झाँकी की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए डा. गाँधी ने बताया कि सी.एम.एस. की यह झाँकी पाँच भागों में हैं और सभी भाग एक अनूठे ढंग से ‘मानवता के कल्याण’ का संदेश दे रहे हैं। इस झाँकी के प्रथम भाग में ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का संदेश दिया गया है जबकि द्वितीय भाग में विभिन्न पूजा स्थलों के माध्यम से यह प्रदर्शित किया गया है कि सभी धर्मों का स्रोत एक ही परमपिता परमात्मा है। इसी छत के नीचे झाँकी गीत ‘मंगलमय है वह जगह जहाँ प्रभु महिमा गाई जाती है’ पर सी.एम.एस. छात्राएं नृत्य प्रस्तुत करेंगी। झाँकी के तृतीय भाग में वसुधैव कुटुम्बकम के प्रतीक प्रभु राम की जन्म स्थली अयोध्या में भव्य राम मंदिर द्वारा एकता के सपने को साकार होता दिखाया गया है। झाँकी के चतुर्थ भाग में संत विनोबा भावे, स्वामी विवेकानंद, संत सूरदास, स्वामी रामतीर्थ, संत मदर टेरेसा, संत कबीर एवं धर्मगुरू दलाई लामा के माध्यम से विश्व मानवता से प्रेम करने का संदेश प्रसारित होगा। झाँकी के पाँचवे व अन्तिम भाग में ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ तथा ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ की उदार भावना के अनुरूप विश्व मानवता के कल्याण हेतु एकता, शान्ति व सौहार्द का संदेश प्रसारित किया गया है।

           

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