दस फीसदी आरक्षण देने का कदम भाजपा पर भारी पड़ेगा: तेजस्वी यादव
January 23, 2019, 05:38 PM
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण देने का कदम भाजपा पर ‘‘भारी पड़ेगा’’ क्योंकि ‘‘बहुजन’’ ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने इन वर्गों की मुख्य मांग को पूरा करते हुए उन्हें शिक्षा और नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण दे दिया। यादव ने सरकार के कदम को जल्दबाजी में उठाया गया बताते हुए उसकी आलोचना की और कहा कि नोटबंदी की तरह यह भी जल्दबाजी में लागू किया गया। आरक्षण गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं है। उन्होंने बताया कि सरकार ने किसी आयोग की रिपोर्ट या सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण के बिना संविधान में संशोधन कर दिया।राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता ने कहा, ‘‘ऐसा प्रावधान करने के लिए सरकार के पास इसके समर्थन में आंकड़ें होने चाहिए लेकिन मोदी सरकार के पास ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने नोटबंदी की तरह इसे जल्दबाजी में लागू कर दिया। भाजपा इसके परिणाम भुगतेगी।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण देने के सरकार के कदम का लोकसभा चुनावों पर असर पड़ेगा, इस पर यादव ने कहा कि सामान्य धारणा के विपरीत ‘‘तथाकथित गरीब उच्च जाति’’ के लिए आरक्षण भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर ‘‘भारी पड़ेगा।’’बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बहुजन वर्ग ठगा हुआ महसूस कर रहा है। यह कहा गया था कि आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा है लेकिन अचानक सरकार ने भानुमति का पिटारा खोला और आरक्षण 50 फीसदी से आगे बढ़ा दिया वो भी लाभार्थी वर्ग की बिना किसी मांग और आंदोलन के।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब माननीय उच्चतम न्यायालय को इस पर फैसला करना होगा।’’ यादव ने कहा कि पारंपरिक तौर पर पिछड़ा और गरीब माने जाने वाले समुदाय ‘बहुजन’ को इस 50 फीसदी की सीमा के नाम पर और आरक्षण देने से इनकार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि आरक्षण का मतलब उन लोगों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना था जिन्हें दशकों से जाति के नाम पर अमानवीय अत्याचारों और पाबंदियों का सामना करना पड़ रहा है।
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