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कांग्रेस की न, बसपा की हां पर सपा ने उठाए सवाल. वन नेशन, वन इलेक्शन पर क्या है राजनीतिक दलों का स्टै

कांग्रेस की न, बसपा की हां पर सपा ने उठाए सवाल. वन नेशन, वन इलेक्शन पर क्या है राजनीतिक दलों का स्टै

September 18, 2024, 08:55 PM

देश में वन नेशन वन इलेक्शन को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई. सरकार ने इसके लिए एक कमेटी बनाई थी, जिसके चेयरमैन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद थे. कोविंद ने अपनी रिपोर्ट मोदी कैबिनेट को दी.इसके बाद उसे सर्वसम्मति से मंजूर कर दिया गया. ये करके मोदी सरकार ने अपना पहला कदम चल दिया. वहीं बाकी के राजनीतिक दलो ने भी अपना स्टैंड लिया है.वन नेशन वन इलेक्शन पर कांग्रेस ने साफ तौर पर विरोध किया है. वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर पोस्ट करके कैबिनेट के इस प्रस्ताव का समर्थन किया है. लेकिन सपा ने अपना सस्पेंस बनाते हुए सरकार से कई सवाल दागे. इसके लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट किया. उसमें सरकार से कई सवाल पूछे, लेकिन उनकी पोस्ट में कहीं भी ये नहीं लिखा था कि वो समर्थन कर रहे हैं या विरोध कर रहे हैं.
कांग्रेस के सभी नेताओं ने किया विरोध
इस मुद्दे पर कांग्रेस ने अपना स्टैंड क्लियर कर लिया है. पार्टी के अध्यक्ष से लेकर सभी नेताओं ने वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध किया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि देश कि लोग इसे मानने वाले नही हैं. ये सिर्फ चुनाव के लिए मुद्दा बनाकर लोगों को डॉईवर्ट करते हैं. एक देश एक चुनाव प्रैक्टिकल नहीं है. वहीं इस पार्टी के बाकी के नेताओं ने भी इसका पूरा विरोध किया.
सरकार को मिला बसपा का समर्थन
इस मुद्दे पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सरकार का समर्थन किया है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, एक देश एक चुनाव की व्यवस्था पर अपना पॉजिटव स्टैंड लिया है. उन्होंने लिखा देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा आज मंजूरी दी गई है. इसपर हमारी पार्टी का स्टैण्ड सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना जरूरी.'
सपा मुखिया ने उठाए कई सवाल
वन नेशन वन इलेक्शन पर सपा ने पूरा स्टैंड क्लियर नहीं किया है. पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भले ही एक्स पर पोस्ट करते हुए 4 बड़े सवाल उठाए. लेकिन पोस्ट पर पूरे 309 शब्दों में उन्होंने कहीं भी ये नही लिखा कि वो इसका विरोध करते हैं. हालांकि सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने ये जरूर लिखा, 'लगे हाथ महाराष्ट्र, झारखंड व यूपी के उपचुनाव भी घोषित करवा देते'अखिलेश ने सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा कि अगर किसी राज्य की चयनित सरकार गिरवाएगी तो क्या पूरे देश के चुनाव फिर से होंगे. इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि अगर किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर क्या जनता की चुनी सरकार को वापस आने के लिए अगले आम चुनावों तक का इंतज़ार करना पड़ेगा या फिर पूरे देश में फिर से चुनाव होगा?इन सवालों के साथ-साथ उन्होंने सरकार पर एक और तंज कसते हुए कहा, 'चलते-चलते जनता यह भी पूछ रही है कि आपके अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अब तक क्यों नहीं हो पा रहा है, जबकि सुना तो ये है कि वहां तो वन पर्सन, वन ओपिनियन ही चलती है. कहीं कमज़ोर हो चुकी भाजपा में अब टू पर्सन्स, टू ओपिनियन्स का झगड़ा तो नहीं है.'

आम आदमी पार्टी ने बताया साजिश

आम आदमी पार्टी ने वन नेशन वन इलेक्शन का पूरी तरह से विरोध किया है. पार्टी के नेता और AAP सांसद संदीप पाठक ने कहा कि पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने मोदी सरकार का एक जुमला. ये दिल्ली विधानसभा चुनाव को टालने की साजिश है. उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी गुंडागर्दी चलाना चाहती है. आम आदमी पार्टी इसका विरोध करेगी.

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