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नवरात्रि पर महिलाओं को जरूर करना चाहिए 16 श्रृंगार, जानिए क्यों?

नवरात्रि पर महिलाओं को जरूर करना चाहिए 16 श्रृंगार, जानिए क्यों?

April 6, 2019, 01:22 PM

आज चैत्र नवरात्री का पहला व्रत है। नवरात्री वीक में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। मां दुर्गा की पूजा के साथ-साथ नवरात्री में सोलह श्रृंगार का भी बहुत महत्व है और महिलाओं के लिए यह बहुत जरूरी भी समझा जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे की वजह क्या है। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर नवरात्री में 16 श्रृंगार करना क्यों जरूरी है।

 

क्या है 16 श्रृंगार?

इस पर्व पर महिलाएं मां भगवती को खुश करने के लिए ये श्रृंगार करती हैं। ऋग्वेद में कहा गया है कि महिलाओं का सोलह श्रृंगार करना सिर्फ खूबसूरती ही नहीं, भाग्य को भी बढ़ाता है। साथ ही इससे घर में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है। ऐसे में जरूरी है कि इस दौरान महिलाएं सोलह श्रृंगार करें।

 

16 श्रृंगार में होती हैं ये चीजें
लाल रंग का जोड़ा

माता रानी को लाल रंग बहुत प्रिय है इसलिए कोशिश करें की आप नवरात्री व्रत के दौरान लाल रंग के कपड़ें ही पहनें।

मंगल सूत्र 

जहां मंगलसूत्र सुहाग की पवित्र निशानी माना जाता है, वहीं इसके काले मोती महिलाओं को बुरी नजर से भी बचाते हैं। सुहागन औरतों को इसे कभी अपने गले से नहीं निकालना चाहिए, खासकर नवरात्री के मौके पर।

बिंदी

महिलाओं की सुंदरता में चार चांद लगाने का काम करती है। साथ ही इसे परिवार की समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। नवरात्री के दौरान आप अपने माथे पर कुमकुम या सिंदूर की बिंदी लगाएं। हालांकि आप चाहे तो स्टीकर वाली बिंदी भी लगा सकती हैं।

सिंदूर

सिंदूर को सुहाग की निशानी माना जाता है। जहां मां दुर्गा की पूजा में सिंदूर इस्तेमाल किया जाता है वहीं इसे लगाने से पति की उम्र भी लंबी होती है।

काजल

काजन ना सिर्फ महिलाओं की खूबसूरती बढ़ाता है बल्कि यह बुरी नजर से बचाने का भी काम करता है। ऐसे में नवरात्री में काजल लगाना ना भूलें।

मेहंदी

मेहंदी के बिना हर सुहागन का श्रृंगार अधूरा माना जाता है। किसी भी त्यौहार या फंक्शन में महिलाएं मेहंदी जरूर रचाती है। ऐसा भी कहा जाता है कि मेहंदी का रंग पति-पत्नी के प्यार को जाहिर करता है। इसका रंग जितना गाढ़ा होगा पति अपनी पत्नी से उतना ही प्यार करेगा।

गजरा

वैसे तो आजकल कम महिलाएं ही गजरा पहनना पसंद करती हैं लेकिन नवरात्री के जरूर इसके जरूर पहनें क्योंकि यह 16 श्रृंगार का खास हिस्सा है। मां दुर्गा को मोगरे के फूल प्रिय होते हैं। ऐसे में आप जूड़ा बनाकर इसमें इस फूलों से बना गजरा लगा सकती हैं। यह ना सिर्फ आपको खूबसूरत दिखाएंगा बल्कि इससे आप महक  भी उठेंगी।

मांग टीका

ऐसा माना जाता है कि शादी के दौरान महिलाओं को मांग टीका इसलिए पहनाया जाता है, ताकि वह सीधे रास्ते पर चले। माथे पर पहना जाने वाला यह आभूषण सिंदूर के साथ मिलकर हर महिला की सुंदरता में चार चांद लगा देता है।

नथ

वैसे तो आजकल कुवांरी महिलाएं भी नोज रिंग डालना पसंद करती हैं लेकिन सुहागिन महिलाओं के लिए नाक में नथ पहनना जरूरी माना जाता है। हालांकि आजकल औरतें  नोजपिन पहनती हैं, जिसे लौंग भी कहते हैं।

कानों में झुमके

झुमके, ईयरिंग्स या फिर बालियां ना सिर्फ पर्सनैलिटी को बढ़ाने का काम करती हैं बल्कि इससे चेहरे भी खिल उठता है। इसे भी 16 श्रृंगार का खास हिस्सा माना जाता है

चूड़ियां

चूड़ियां सुहाग का प्रतीक मानी जाती हैं। नवरात्रि में हर महिला की कलाई लाल चूड़ियों से भरी होनी चाहिए। वहीं अगर आप कुंवारी है तो हरी-लाल चूड़ियां पहन सकती हैं। लाल रंग की चूड़ियां इस बात का प्रतीक होती हैं कि विवाह के बाद वह पूरी तरह खुश और संतुष्ट है। हरा रंग शादी के बाद उसके परिवार के समृद्धि का प्रतीक है।

अंगूठी

अंगूठी को ना सिर्फ सोलह श्रृंगार का हिस्सा बल्कि इसे पति-पत्नी के प्यार और विश्वास का प्रतीक भी माना जाता है। शादी के पहले सगाई की रस्म में वर-वधू द्वारा एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि हाथ में अंगूठी पहनने से महिलाएं आलसी नहीं होती।

कमरबंद

कमरबंद कमर में पहना जाने वाला आभूषण है। वैसे तो नववधू ही कमरबंद पहनती हैं लेकिन इसे 16 श्रृंगार का खास हिस्सा माना जाता है तो नवरात्री में इसे जरूर पहनें।

बाजूबंद

मार्डन समय में महिलाएं बाजूबंद पहनना पसंद नहीं करती लेकिन यह 16 श्रृंगार का हिस्सा है तो इसे इस दौरान जरूर पहनें। ऐसा माना जाता है कि बाजूबंद परिवारिक धन की रक्षा के लिए होता है।

बिछुआ

पैरों के अंगूठे और छोटी उंगली को छोड़कर बीच की तीन उंगलियों में चांदी का बिछुआ पहना जाता है। शादी में फेरों के वक्त होने वाली एक रस्म के दौरान लड़की की भाभी उसे बिछुआ पहनाती है। यह इस बात का प्रतीक है कि दुल्हन शादी के बाद हर समस्याओं का हिम्मत से मुकाबला करेगी।

पायल

पायल को महिलाओं के श्रृंगार का खास गहना माना जाता है। इससे ना सिर्फ महिलाओं की सुदंरता बढ़ती है बल्कि यह सुहाग की निशानी भी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पैरों में चांदी की पायल पहननी चाहिए क्योंकि सोने की पायल पहनने से धन की देवी-लक्ष्मी का अपमान होता है।

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