भगवान शंकर का अवतार माना है बजरंग बली हनुमान को
April 20, 2019, 01:14 PM
बजरंग बली हनुमान का जन्म भगवान श्रीराम की सहायता के लिए हुआ। हनुमान जी को भगवान शंकर का अवतार भी माना जाता है। कहा जाता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की सेवा के निमित्त भगवान शिव जी ने एकादश रुद्र को ही हनुमान के रूप में अवतरित किया था। हनुमान जी चूंकि वानर−उपदेवता श्रेणी के तहत आते हैं इसलिए वे मणिकुण्डल, लंगोट व यज्ञोपवीत धारण किए और हाथ में गदा लिए ही उत्पन्न हुए थे। पुराणों में कहा गया है कि उपदेवताओं के लिए स्वेच्छानुसार रूप एवं आकार ग्रहण कर लेना सहज सिद्ध है। पुराणों के अनुसार, इस धरा पर जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, उनमें बजरंगबली भी हैं। माता अंजनी एवं पवन देवता के पुत्र हनुमान का जीवनकाल पराक्रम और श्रीराम के प्रति अटूट निष्ठा की असंख्य गाथाओं से भरा पड़ा है। हनुमान जी में किसी भी संकट को हर लेने की क्षमता है और अपने भक्तों की यह सदैव रक्षा करते हैं। हनुमान रक्षा स्त्रोत का पाठ यदि नियमित रूप से किया जाए तो कोई बाधा आपके जीवन में नहीं आ सकती। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करने से बड़े से बड़ा भय दूर हो जाता है।हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी के पूजन का विशेष महत्व है। हनुमान जी भक्तों से विशेष प्रेम करते हैं और उनकी हर पुकार को सुनते हैं। श्रीराम की नित उपासना करने वालों पर हनुमान जी खूब प्रसन्न रहते हैं। हनुमान जयंती के दिन हनुमानजी की पूजा विधि विधान से करनी चाहिए। इसके लिए पूजा के स्थान पर उनकी मूर्ति स्थापित करके शुद्ध जल, दूध, दही, घी, मधु और चीनी का पंचामृत, तिल के तेल में मिला सिंदूर, लाल पुष्प, जनेऊ, सुपारी, नैवेद्य, नारियल का गोला चढ़ाएं और तिल के तेल का दीपक जलाकर उनकी पूजा करें। इससे हनुमान जी प्रसन्न होकर भक्तों के सारे कष्ट हर लेते हैं।
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